
मध्य प्रदेश में एक बार फिर आदिवासियों के ऊपर उत्पीड़न और प्रताड़ना की खबर सामने आई है। आपको बता दें कि इसी मध्य प्रदेश में पिछली बार एक आदिवासी युवक के ऊपर प्रवेश शुक्ला नामक युवक ने पेशाब कर दिया था। उस घटना का वीडियो बनाकर वायरल भी किया। बाद में पता चला कि प्रवेश शुक्ला भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे। हालांकि पार्टी ने उसे अपना कार्यकर्ता मानने से इनकार कर लिया था। लेकिन तमाम पोस्टरों और बैनरों में, जो भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ है, देखने से पता चलता था कि प्रवेश शुक्ल भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे।
हालांकि उसे समय तो आदिवासी के सिर पर पेशाब करने की घटना सामने आई थी। लेकिन इस बार उसी मध्य प्रदेश से एक आदिवासी युवक की निर्मम हत्या की घटना सामने आई है। मध्य प्रदेश में सिंगरौली जिले के दुर्दरा गांव में एक आदिवासी युवक की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दिया गया आदिवासी युवक की हत्या के बाद इलाके में पूरी तरह से मातम पसरा हुआ है। साथ ही आदिवासी समाज के अंदर डर का माहौल बना हुआ है। क्योंकि मध्य प्रदेश में आदिवासियों के ऊपर अत्याचार की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। मध्य प्रदेश में जिस आदिवासी युवक की हत्या की गई है उसका नाम लाले बंसल बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 23 साल के लाले बंसल को गोली मारकर हत्या कर दी गई। बंसल को गोली मारकर हत्या करने वाले शख्स का नाम अभिषेक पांडे बताया जा रहा है।
अभिषेक पांडे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता है
सूत्रों के मुताबिक जिस शख्स ने आदिवासी युवक को गोली मारकर हत्या कर दी, उसका नाम अभिषेक पांडे है।बताया जा रहा है कि अभिषेक पांडे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। अभिषेक पांडे मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष है। सूत्रों की मानें तो अभिषेक पांडे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता है। हालांकि भाजपा ने इस घटना के बाद अभिषेक पांडे से खुद को अलग कर लिया। बीजेपी ने अपने बयान में कहा कि – अभिषेक पांडे को इस घटना से पहले ही पार्टी की सदस्यता से निकाल दिया गया था। साथ ही उसे पद से भी हटा दिया गया।
पुलिस ने क्या कहानी बताई
आदिवासी युवक की हत्या की जांच में जुड़े मध्य प्रदेश की पुलिस के अनुसार लाले बंसल (आदिवासी युवक) चितरंगी थाना क्षेत्र के पौड़ी गांव में अपने दोस्त के साथ किसी काम से भाई के ससुराल जा रहे थे। रास्ते में उसकी बाइक एक बकरे से टकरा गई और पीछे बैठा साथी गिर गया।
इसी दौरान अभिषेक पांडे अपनी कार में वहां से गुजर रहे थे। अभिषेक पांडे की कार में हूटर लगा हुआ था। पुलिस के मुताबिक अभिषेक पांडे ने लाले से घायल युवक के बारे में पूछा तो लाले डर के मारे बाइक के साथ भागने लगे। इसी दौरान अभिषेक पांडे ने हूटर बजाते हुए अपनी कार से लाले का पीछा करने लगा।
पुलिस ने आगे बताया कि जब लाले नहीं रुक तो अभिषेक पांडे ने पहले हवाई फायरिंग किया। जब उसके बाद भी लाले ने अपनी बाइक नहीं रोकी तो उसे गोली मार दी। पुलिस के मुताबिक गोली लगने के बाद भी लाले (आदिवासी युवक) बाइक चलाते रहे और लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद गिर गए और उसकी मौत हो गई।
परिवार वालों ने पुलिस की कहानी को झूठा बताया
वही उस आदिवासी युवक लाले बंसल के परिवार वालों ने पुलिस के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने पुलिस वालों पर आरोप लगाया कि पुलिस अपने मन से मनगढंत कहानी बना रही है।
लाले के परिवार वालों के मुताबिक लाले बंसल मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते थे। घर में उनका 2 साल का एक बेटा भी है। लाले की मां बीमार चल रही है और वह इस स्थिति में नहीं है कि वह कुछ बयान दे सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लाले के बड़े भाई बाबूलाल गांव के सरपंच है। बाबूलाल की पत्नी व लाले की भाभी रुक्मणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि – लाले की हत्या सरपंच चुनाव में वोटो को लेकर हुई राजनीति की वजह से की गई है। पुलिस अपने मन से झूठी कहानी गढ़ रही है रुक्मणी आगे कहती है हत्यारे तो उसके बड़े भाई सरपंच की हत्या करना चाहते थे, लेकिन गलती से लाले को सरपंच समझकर इस पर गोली चला दिया। रुक्मणी के मुताबिक लाले अपने बड़े भाई बाबूलाल की तरह ही दिखते थे, जिसके कारण हत्यारे को गलतफहमी हो गई और वह बाबूलाल के जगह लाले के ऊपर गोली चला दी।
प्रशासन जल्द से जल्द अंतिम संस्कार के लिए दबाव बना रही है
मीडिया से बातचीत के क्रम में लाले की बड़ी मां (पिता के बड़े भाई की पत्नी) ने दावा किया है कि – प्रशासन हम लोगों को शव को जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रही है। उन्होंने आगे कहा कि जब शव लाया गया तो हम लोगों से कहा गया कि शव का जल्दी से अंतिम संस्कार करें वरना जेसीबी से गड्ढा खोदकर इसे दफन कर देंगे। वह कहती है कि – किसी का जवान बेटा मर गया, किसी के सिर से पिता का साया चला गया, किसी का सुहाग उजड़ गया। लेकिन प्रशासन को इस बात का जरा भी चिंता नहीं है। प्रशासन को सिर्फ इस बात की चिंता है कि जितना जल्दी हो सके इस लाश को दफन करना है। अभी तक प्रशासन या मध्य प्रदेश की सरकार की तरफ से कोई भी व्यक्ति हमारी मदद करने नहीं आया। प्रशासन सिर्फ इस बात को लेकर हमारे सामने आई है की लाश को जल्दी दफनाओ और मामला को शांत करो।
पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार करने का दावा किया है
वही इस मामले में सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने इस हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अभिषेक पांडे को गिरफ्तार होने की बात कही है। जिला के एसपी निवेदिता गुप्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि – पुलिस ने आरटीओ की वेबसाइट से आरोपी की गाड़ी का नंबर निकला, जिससे पुलिस अभियुक्त को ट्रेस कर पाया। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा 6 से 7 घंटे के भीतर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी गुप्ता ने आगे कहा कि – इस पूरे घटनाक्रम में अभी तक जो वजह सामने आई है वह यह है कि अभियुक्त को लगा था कि घायल व्यक्ति को शायद लाले बंसल ने मारा है इसलिए आरोपी लाले का पीछा कर रहा था।
गोली लगने के सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि – आरोपी ने जिस पिस्टल से आदिवासी युवक को गोली मारा, वह पिस्टल 20 जून को ही खरीदा था। और पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस हत्याकांड में राज्य के भाजपा सरकार को दोषी बताते हुए साधा निशाना। उन्होंने राज्य में दलित आदिवासियों के ऊपर बढ़ते अत्याचार को लेकर भाजपा सरकार को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी दलित आदिवासियों पर अत्याचार होता है उसका आरोपी भाजपा के ही समर्थक होते हैं।
कमलनाथ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो को शेयर करते हुए लिखा है कि –”मध्यप्रदेश के सिंगरोली जिले में बीजेपी मंडल अध्यक्ष द्वारा एक दलित युवक की गोली मारकर हत्या करने का मामला हैरान करता है, दुखी करता है।
बताया जा रहा है कि बीजेपी मंडल अध्यक्ष को पिस्तौल का लायसेंस भी बीजेपी नेता और राज्य मंत्री राधा सिंह की सिफारिश के बाद जारी किया गया था। आरोपी बीजेपी नेता अपनी लायसेंसी पिस्तौल का उपयोग स्थानीय लोगों को डराने धमकाने के लिये किया करता था।
मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जिस बीजेपी सरकार पर दलितों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है, उसी बीजेपी के नेता दलितों पर अत्याचार करते पाये जा रहे हैं।
मैं सरकार से माँग करता हूँ कि मृत दलित युवक के परिजनों को हर संभव आर्थिक एवं क़ानूनी सहायता प्रदान करते हुए आरोपी बीजेपी नेता को शस्त्र लायसेंस जारी करने की पूरी प्रक्रिया की सूक्ष्मता से जाँच की जाय। दलित परिवार को न्याय मिलने में विलंब न हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जाय और आरोपी को सख्त से सख़्त सजा दिलाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।”
वहीं राज्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि – राज्य की भाजपा सरकार आरोपी को संरक्षण दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि – सिंगरौली में एक दलित व्यक्ति की भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष ने हत्या कर दी और अब भाजपा सरकार के द्वारा उस आरोपी को बचाया जा रहा है। बीजेपी ये क्या संदेश देना चाहती है? बीजेपी की सरकार चाहे केंद्र की सरकार हो चाहे राज्य की सरकार हो दलितों–आदिवासियों से घोर नफरत करती है। यही कारण है कि दलित आदिवासी समुदाय पर सबसे ज्यादा अत्याचार इसी के सरकार में होते हैं।
मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं
सरकार चाहे जो भी दावा करें पर हकीकत यह है कि मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के द्वारा पिछले साल जारी आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार के मामले में बढ़ोतरी हुई है। साल 2021 में मध्य प्रदेश में एससी एसटी एक्ट के तहत 2,627 मामले दर्ज हुए थे। यह आंकड़े साल 2020 की तुलना में लगभग 9.38 प्रतिशत अधिक है। वहीं दलितों पर अत्याचार के 7314 मामले दर्ज किए गए थे।
NCRB के आंकड़ा मोदी सरकार के सबका साथ, सबका विकास जैसे तमाम नारों और दावों को ध्वस्त कर देती है। दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले में सिर्फ मध्य प्रदेश ही अकेला राज्य नहीं है। वही हाल उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ-साथ गुजरात का भी है।
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