
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर व बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का नया कोच बनाया गया है। बीसीसीआई ने गौतम गंभीर को मुख्य कोच बनाने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। 42 साल के गौतम गंभीर इस पद के लिए वह राहुल द्रविड़ का जगह लेंगे। आपको बता दें कि टी 20 विश्व कप विजेता बनने के बाद ही राहुल द्रविड़ ने मुख्य कोच के पद से संन्यास ले लिया था। तब से ही बीसीसीआई भारतीय टीम के लिए मुख्य कोच की तलाश कर रही थी जो गौतम गंभीर पर जाकर खत्म हुआ।
आपको बता दें कि गौतम गंभीर 2007 और 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा था। ODI विश्व कप 2011 के फाइनल मैच में गौतम गंभीर की वह शानदार पारी आज भी कोई क्रिकेट फैंस नहीं भूले हैं। इसके साथ ही गौतम गंभीर के मेंटरशिप में KKR ने आईपीएल 2024 का खिताब भी अपने नाम किया इससे पहले उनकी कप्तानी में KKR दो बार आईपीएल चैंपियन भी बन चुकी है।
बीसीसीआई ने दी इसकी जानकारी
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट डालकर गौतम गंभीर को मुख्य कोच बनाने की घोषणा की। उन्होंने लिखा – मुझे बेहद खुशी है कि मैं गौतम गंभीर का भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच के रूप में स्वागत कर रहा हूं। आधुनिक समय में क्रिकेट काफी तेजी से विकसित हुआ है और गौतम ने इस बदलते परिदृश्य को काफी नजदीक से देखा है। अपने पूरे करियर में कई तरह के चुनौतियों का सामना करके अपने रोल को निभाया है। मुझे पूरा विश्वास है कि गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श व्यक्ति हैं।

राजनीति में भी आजमा चुके हैं अपना करियर
गौतम गंभीर भारत के लिए पहला मैच 2003 में खेला था। अपने पूरे करियर में उन्होंने 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी20 मैच खेले। उन्होंने अपने करियर की आखिरी मैच 2016 में खेले, फिर कुछ दिन तक वह आउट ऑफ टीम रहे और 2018 में उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।
22 मार्च 2019 को वह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली तथा रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए वर्ष 2019 के भारतीय आम चुनाव में भाजपा ने उन्हें पूर्वी दिल्ली से संसद का उम्मीदवार बनाया इस चुनाव में गौतम गंभीर ने एक बड़ी जीत दर्ज की उन्होंने 6 लाख 95 हजार 109 वोट से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी मार्लेना और कांग्रेस के अरविंद सिंह लवली को हराया। हालांकि 2024 के आम चुनाव में उन्होंने पार्टी से टिकट लेने से इनकार कर दिया और राजनीति छोड़ पुणे क्रिकेट की दुनिया में सक्रिय हो गए।