मायावती ने किसे कहा बरसाती मेंढक

मायावती ने किसे कहा बरसाती मेंढक

मायावती ने किसे कहा बरसाती मेंढक उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के एक हालिया ट्वीट, जिसमें ‘बरसाती मेंढकों’ का जिक्र था। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन तमाम मीडिया संस्थान और तथाकथित राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि … Read more

नो कास्ट नो रिलिजन – मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

नो कास्ट नो रिलिजन - मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

नो कास्ट नो रिलिजन इस आर्टिकल में हम एक ऐसे ऐतिहासिक निर्णय की बात करने जा रहे हैं, जो न केवल न्यायपालिका की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि हमारे समाज को एक नई दिशा देने की क्षमता भी रखता है। यह निर्णय उस व्यक्ति की आवाज़ है, जिसने अपनी पहचान न किसी जाति से जोड़ी, … Read more

गुलामगिरी – ब्राह्मणवाद और जाति शोषण की पोल खोलती ये किताब

गुलामगिरी - ब्राह्मणवाद और जाति शोषण की पोल खोलती ये किताब

गुलामगिरी – ब्राह्मणवाद और जाति शोषण की पोल खोलती ये किताब ‘गुलामगिरी’ कोई साधारण किताब नहीं है। यह उस समय की सबसे क्रांतिकारी आवाज़ थी, जब शूद्रों और अतिशूद्रों को पढ़ने, सोचने और बोलने तक का अधिकार नहीं था। इस पुस्तक में फुले जी ने हिन्दू धर्मशास्त्रों में मौजूद ब्राह्मणवाद की कठोर आलोचना की और … Read more

बहुजन नेताओं के चरित्र हनन की राजनीति

बहुजन नेताओं के चरित्र हनन की राजनीति और ब्राह्मणवादी रणनीति: चंद्रशेखर आज़ाद का उदाहरण

बहुजन नेताओं के चरित्र हनन की राजनीति और ब्राह्मणवादी रणनीति: चंद्रशेखर आज़ाद का उदाहरण जब भी कोई बहुजन समाज से नेता उभरता है तो ये समाज उसके पर्सनल जीवन पर लांछन क्यों लगाने लगता है? ऐसा अक्सर देखा गया है कि जब ये दमनकारी व्यवस्था उस बहुजन नेताओं को अपने ताकत के दम पर चुप … Read more

लालू और तेजस्वी का पुतला फूंका

लालू और तेजस्वी का पुतला दहन भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच द्वारा सामंतवादी मानसिकता की पुनरावृत्ति

लालू और तेजस्वी का पुतला दहन भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच द्वारा : सामंती पुनरुत्थान के संकेत भारत का सामाजिक, राजनीतिक और जातीय ढाँचा इतिहास से ही जटिल रहा है। विशेषकर बिहार जैसे राज्य में, जहाँ जातीय चेतना, वर्ग संघर्ष और सामाजिक न्याय की राजनीति ने हमेशा गहराई से प्रभाव डाला है। बीते दशकों में सामाजिक … Read more

संविधान ही सर्वोच्च है – न्यायमूर्ति बी. आर. गवई के कथन

संविधान ही सर्वोच्च है - न्यायमूर्ति बी. आर. गवई के कथन

“संविधान ही सर्वोच्च है” — न्यायमूर्ति बी. आर. गवई के कथन के आलोक में विस्तृत विवेचन हाल ही में हमारे देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने कहा है — “इस देश में ना तो संसद सर्वोच्च है, ना कार्यपालिका और ना ही न्यायपालिका। इस देश में केवल संविधान ही सर्वोच्च … Read more

न्याय के मंदिरों में डॉ. अंबेडकर का प्रवेश: एक ऐतिहासिक निर्णय की गूंज

न्याय के मंदिरों में डॉ. अंबेडकर का प्रवेश

न्याय के मंदिरों में डॉ. अंबेडकर का प्रवेश एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय जो भारत की न्यायपालिका के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा अभी हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल 2025 का अपने पुराने प्रस्ताव के आधार पर एक साहसी और दूरगामी निर्णय लेते हुए यह आदेश जारी किया कि राज्य के … Read more

सवर्ण आयोग की घोषणा: सामाजिक न्याय पर एक प्रहार

सवर्ण आयोग की घोषणा

सवर्ण आयोग की घोषणा भारत की राजनीति में बिहार को सामाजिक न्याय की भूमि कहा जाता रहा है। यह वही राज्य है जहां मंडल आयोग की राजनीति ने सामाजिक समीकरणों को बदला, जहां पिछड़े, दलित और वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए राजनीतिक क्रांति हुई। परंतु हाल ही में बिहार सरकार द्वारा सवर्ण … Read more

नामांकन के दिन ही AIRF/ECRKU के सभी दावे की हवा निकल गई, उम्मीद से बहुत कम लोग पहुंचे।

All the claims of AIRF/ECRKU were proved wrong on the day of nomination itself

नामांकन के दिन ही AIRF/ECRKU के सभी दावे की हवा निकल गई देश के अलग-अलग हिस्सों की तरह पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में भी यूनियन के चुनाव का जोर पकड़ने लगा है। इसी क्रम में बीते दिन 22 अक्टूबर को ECRKU अपना नामांकन भरने के लिए जोन मुख्यालय हाजीपुर पहुंचे। लेकिन इस कार्यक्रम में उम्मीद … Read more

A Threat to Justice and Democracy

The Dark Side of PMLA — A Threat to Justice and Democracy

A Threat to Justice and Democracy The mere mention of the Prevention of Money Laundering Act (PMLA) conjures images of high-profile arrests, with names like Arvind Kejriwal, Manish Sisodia, and Hemant Soren often dominating headlines. However, what is often overlooked is that these political figures represent a mere 3% of all cases under the PMLA. … Read more

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