प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जी प्रतिमा का अनावरण किया वह 8 महीने में ही गिर गई।

The statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj unveiled by PM Modi fell down within 8 months.
The statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj unveiled by PM Modi fell down within 8 months.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जिस प्रतिमा का अनावरण किया वह 8 महीने भी नहीं टिक पाए। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका जिम्मेदार तेज हवा का झोंका को बताया, पर विपक्षी पार्टियों ने इस पर सवाल करना शुरू कर दिया। विपक्षी पार्टियों ने इस मसले पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान को निंदा करते हुए कहा कि तेज हवा सिर्फ एक ही जगह आया था या पूरे महाराष्ट्र में?

नौसेना दिवस पर स्थापित किया गया था प्रतिमा

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी की यह प्रतिमा 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित किया था, जो अब गिर गई। हालांकि इसके गिरने की वजह क्या रही, इसका सही जानकारी अभी बता पाना मुश्किल है। लेकिन जब इस मामले में राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब में कहा कि तेज हवा की वजह से यह प्रतिमा गिर गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना दिवस के अवसर पर यह प्रतिमा बहादुर के तौर पर स्थापित की गई थी। साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वहां जल्द से जल्द नहीं प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद विपक्ष ने भाजपा और प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसके काम के निम्न गुणवत्ता और मूर्ति के अनावरण की जल्दबाजी इस हादसा का मुख्य कारण है।
उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट की शिवसेना विधायक वैभव नाइक ने मीडिया से बातचीत में इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना न सिर्फ लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के ओर इशारा करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तंज करते हुए कहा कि – जो प्रधानमंत्री हमेशा कहते रहते हैं कि “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” उनके द्वारा उद्घाटन किया गया प्रतिमा 8 महीना भी नहीं टिक पाया। और अब राज्य के मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तेज हवा को जिम्मेदार बता रहा है। अपनी बात को रखते हुए उन्होंने मांग की है कि – इस घटना की निष्पक्षता से जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठों की अस्मिता है।
वही इस घटना पर शरद पवार गुट के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मूर्ति गिरने का कारण भारी भ्रष्टाचार को बताया। उन्होंने कहा कि – यह घटना बहुत गंभीर है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम लोगों के आदर्श हैं। शिवाजी महाराज की प्रतिमा को स्थापित करते समय जो सावधानियां बरती जानी चाहिए थी, उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकार की बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला दिखाई देता है। इस मूर्ति को गिरने के पीछे, काम की निम्न गुणवत्ता और सरकार का व्यापक भ्रष्टाचार मुख्य कारण है। पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि मोदी जी सिर्फ उद्घाटन करने का शौक रखते हैं, बाकी काम की गुणवत्ता से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है।
बारामती से एनसीपी (शरद) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार की आलोचना की उन्होंने लिखा – जब देश का प्रधानमंत्री किसी स्मारक या इमारत का उद्घाटन करते हैं तो लोगों को यकीन होता है कि उनका काम गुणवत्तापूर्ण होगा। लेकिन सिंधुदुर्ग के मालवन में राजकोट किले में लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा एक साल में ही ढह गई, यह छत्रपति शिवाजी का अपमान है।
उन्होंने आगे लिखा कि – “गौरतलब है कि इस स्मारक का उद्घाटन 4 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र जी मोदी ने किया था. तथ्य यह है कि एक साल से भी कम समय के बाद मूर्ति ढह गई।” यह प्रधानमंत्री और जनता के साथ भी घोर धोखाधड़ी है. इस बात की गहन जांच की ज़रूरत है कि इस प्रतिमा का काम घटिया गुणवत्ता का क्यों है। हम शिवाजी महाराज को भगवान मानते हैं, प्रतिमा का गिरना दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा

वही छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी। मीडिया कर्मी ने जब उनसे इस घटना पर उनका राय जानना चाहा तो, उन्होंने इसका जिम्मेदार तेज हवा और नेवी को ठहराया। उन्होंने कहा कि भले ही इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन इस प्रतिमा को नेवी ने बनाया और डिजाइन किया। उन्होंने आगे कहा कि वहां 45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी जिसके कारण यह प्रतिमा गिर गई।

नेहरू जी द्वारा स्थापित प्रतिमा अभी तक सही है : संजय राउत

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से तेज हवा चलने का तर्क पर संजय राउत ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि हवा तो सीएम एकनाथ शिंदे के दिमाग में घुस गई है, इसलिए वह जमीन से ऊपर उड़ रहा है। संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि – आप तो विश्व गुरु बनना चाहते हैं। लेकिन आप शिवाजी की प्रतिमा को सुरक्षित नहीं रख पाए! शिवाजी तो इस देश के धरोहर है। जो लोग अपने धरोहर को नहीं बचा सकते, वह भी आजकल विश्व गुरु बनने का ख्वाब देख लेते हैं। संजय राउत यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शिवाजी महाराज की जिस प्रतिमा का अनावरण किया था, वह आज भी अडिग है, क्योंकि उसमें उन्होंने भ्रष्टाचार नहीं किया था।
आपको बता दें कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने साल 1956 में प्रतापगढ़ किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की थी। प्रतिमा स्थापित होने के 68 साल बाद भी वह अभी भी यथावत स्थिति में है, जबकि मोदी द्वारा स्थापित प्रतिमा मात्र 8 महीने में ही गिर गई।

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