मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों ने ढाबे में किया जमकर तोड़फोड़ जान बचाकर भागे रसोईया।

In Muzaffarnagar, Kanwadis vandalised a Dhaba and the cook ran away to save his life.
In Muzaffarnagar, Kanwadis vandalised a Dhaba and the cook ran away to save his life.

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम की पट्टिका लगाने के फरमान के एक दिन बाद ही शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों के एक झुंड ने एक ढाबे में जमकर तोड़फोड़ की। कांवड़ियों के हुड़दंगई और हंगामा को बढ़ता देख उस ढाबे में काम करने वाले सभी कर्मचारी जान बचाकर भागे।
दरअसल पड़ोसी राज्य हरियाणा से आए कांवड़ियों की एक झुंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दिल्ली–हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक ढाबे पर दोपहर का खाना खाने के लिए रुके थे। जिस ढाबे पर वह रुके थे उसे ढाबे का नाम ताऊ हुक्केवाला हरियाणवी टूरिस्ट ढाबा है।

खाने में कथित रूप से प्याज मिलने का लगाया आरोप
कांवड़ियों के झुंड ने आरोप लगाया कि जब हम लोग इस ताऊ जी के ढाबे में खाना खाने के लिए रुके और इस ढाबे के कर्मचारियों के द्वारा खाना परोसा गया, तो उस परोसी गई सब्जी में प्याज का एक टुकड़ा मिला। हंगामे को बढ़ता देख मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची और उन्होंने आक्रोशित कांवड़ियों को शांत करने की कोशिश किया। लेकिन जब तक स्थानीय पुलिस हालत को नियंत्रण में लेते हैं तब तक कांवड़ियों के झुंड ने ढाबे को तहस-नहस कर दिया था। गुस्साए कांवड़ियों ने ढाबे में रखे फर्नीचर और फ्रिज को भी तोड़ दिया। ढाबे के फर्नीचर और अन्य सामान को तोड़ने के बाद उन्होंने ढाबे के रसोईया को अपना निशाना बनाया। उन्होंने रसोईया पर भी हमला करना चाहा लेकिन वो अपना जान बचाकर भाग खड़े हुए।

स्थानीय पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए छपार (मुजफ्फरनगर) पुलिस स्टेशन के SHO रोजेंट त्यागी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि – हालत को नियंत्रण में ले लिया गया है। चूंकि ये कांवड़िये भगवान शिव के भक्त हैं और भगवान शिव के भक्त सावन के दौरान प्याज और लहसुन के बिना सादा सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। खासकर कांवड़ यात्रा के दौरान यह लोग लहसुन–प्याज को पूरी तरह से वर्जित करते हैं। इसलिए यह लोग सब्जी में कथित रूप से प्याज की खबर सुनकर भड़क गए।

प्रमोद कुमार है उस ढाबे के मालिक
कांवड़ियों के द्वारा किया गया उपद्रव के बाद जब मीडिया कर्मी ने ढाबे के मालिक प्रमोद कुमार से इस घटना के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि – यह भ्रम के वजह से हुआ है। ढाबे के मालिक प्रमोद कुमार ने बताया कि – चूंकि उन्हें पता नहीं था कि कांवड़िया प्याज भी नहीं खाते हैं। वरना मेरी कोई ऐसी मंशा नहीं थी। मैं सभी के आस्था का सम्मान करता हूं। किसी के भावना को ठेस पहुंचाना मेरा मकसद नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि –जब कांवड़ियों के झुंड की तरफ से यह बात सामने आया कि खाने में प्याज मिला हुआ है तो हम कुछ कह पाते हैं कि उससे पहले ही यह स्थिति अनियंत्रित हो गई।

कांवड़ियों ने किया दावा
हालांकि एक कांवड़िए ने दावा किया है कि – जब हम लोग खाना खाने आए तो रसोईया से इस बात को कंफर्म कर लिए थे कि खाने में लहसुन प्याज तो नहीं है। इस पर रसोइए ने हमें इस बात के लिए आश्वत रहने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा कि – रसोईया के आश्वासन के बावजूद हमें करी (सब्जी) में प्याज का एक टुकड़ा मिला।
उस कांवड़िए ने मीडिया कर्मी से बातचीत के दौरान बताया कि – कांवड़िये जब जल लेकर घर से निकलते हैं तो भगवान शिव को जल चढ़ाने तक लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करते। कई भक्त तो ऐसे भी होते हैं जो पूरा सावन भर लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करते। वह आगे कहते हैं कि हमारे लिए आस्था से बड़ा कुछ भी नहीं है।

नामपट्टिकाओं के प्रदर्शन के आदेश के बाद यह पहला मामला
आपको बता दें कि योगी सरकार के द्वारा सभी भोजनालयों के मालिकों के नाम पट्टिका छपवाने के आदेश के बाद इस तरह का यह पहला मामला है।
दरअसल, 18 जुलाई को मुजफ्फरनगर जिले में यूपी पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग के संबंध में एक आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी भोजनालयों को अपने ढाबे या दुकान के बाहर अपने मालिकों का नाम प्रमुखता से छापने का निर्देश दिया है। हालांकि सरकार के इस आदेश के बाद काफी हंगामा हुआ था। विपक्ष ने भी इसे आलोचना करते हुए कहा कि यह आदेश राज्य में कानून और व्यवस्था में अराजकता पैदा कर सकता है।

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