
पेरिस ओलंपिक 2024 में काफी उतार-चढ़ाव की खबरें सामने आ रही है। कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें विवाद की स्थिति बन गई। एक ऐसा ही मामला भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का भी है। आपको बता दें कि भारत के स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल मैच खेलने से पहले ही वजन का हवाला देकर अयोग्य घोषित कर दिया। विनेश को न सिर्फ फाइनल खेलने से रोका गया, बल्कि सेमीफाइनल जीतकर अपने नाम कर चुकी सिल्वर मेडल को भी देने से इनकार कर दिया। ओलंपिक के इसी फैसले पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आपत्ति दर्ज की थी।
सुनवाई पूरी हो चुकी है, अब फैसला की बारी है
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के मामले की सुनवाई 9 अगस्त को ही पूरी हो गई थी। अब इस पर फैसला आना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक विनेश के मामले में फैसला आज यानी 10 अगस्त को आएगा। CAS की एड हॉक डिवीजन ने निर्णय देने के लिए भारतीय समय अनुसार रात 9:30 बजे का समय निर्धारित किया है। दूसरे शब्दों में कहें तो विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इस पर फैसला आज रात 9:30 बजे तक आने की पूरी संभावना है। सामान्य तौर पर एडहॉक पैनल को फैसला सुनाने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाता है, लेकिन विनेश फोगाट के मामले में पैनल को कुछ अतिरिक्त समय दिया गया ताकि हर पहलू पर बारीकी से जांच करें।
CAS क्या है और इसका क्या काम होता है
CAS का पूरा नाम कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (Court of Arbitration for Sport) है, जो दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक स्वतंत्र संस्था है। इस संस्था का मुख्य काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है दूसरे शब्दों में कहे तो CAS एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय निकाय है, जिसका मुख्य काम खेलों से संबंधित विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटारा करना है। आपको बता दें कि CAS की स्थापना 1984 में हुआ था तथा इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉजेन शहर में स्थित है। CAS की स्थाई अदालत लॉजेन के अलावा न्यूयॉर्क शहर और सिडनी में स्थित है, जबकि अस्थाई अदालत है वर्तमान ओलंपिक मेजबान शहरों में स्थापित किए जाते हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ के तरफ से हरीश साल्वे ने पैरवी की
आपको बता दें कि विनेश फोगाट के मामले को रखने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को हायर किया। CAS ने सभी पक्षों को सुनवाई से पहले अपने विस्तृत कानूनी तर्क दाखिल करने फिर मौखिक तर्क रखने का अवसर दिया। आर्बिट्रेटर ने संकेत दिया कि आदेश का परिचालन हिस्सा जल्द ही अपेक्षित है, जिसके बाद विस्तृत आदेश और कारण सामने रखे जाएंगे। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. पी. टी. उषा ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के साथ-साथ भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से तर्क प्रस्तुत करने वाले सभी लीगल टीम को आभार जताया।
सुनवाई के दौरान विनेश की तरफ से ये चार तर्क दिए गए
आपको बता दें कि विनेश फोगाट की तरफ से पेश हुए वकील ने CAS के समक्ष चार महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए
- विनेश के तरफ से दलील दी गई कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की।
- उनका वजन बढ़ना शरीर की नेचरली रिकवरी प्रक्रिया के कारण था।
- किसी एथलीट को अपने शरीर की देखभाल करना उनका मौलिक अधिकार है।
- चूंकि प्रतियोगिता के पहले दिन उसके शरीर का वजन निर्धारित सीमा से कम था। वजन केवल रिकवरी के कारण बढ़ा है। इसलिए यह धोखाधड़ी का मामला बनता ही नहीं है।
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