
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में देश भर के दलित समुदायों तथा बहुजन संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया था। भारत बंद का असर बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भर के कई हिस्सों में देखने को मिला। हालांकि आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के फैसले से असहमति कई राजनीति पार्टियों ने किया था। लेकिन 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान बहुजन समाज पार्टी तथा आजाद समाज पार्टी (काशीराम) ने किया। वहीं सामाजिक तौर पर भीम आर्मी की कार्यकर्ताओं ने इस बंद में अपना सक्रिय भूमिका निभाया।
बिहार पुलिस ने दलित कार्यकर्ताओं के ऊपर जमकर लाठी बरसाई
आपको बता दें कि भारत बंद के दौरान बिहार ही एक ऐसा राज्य रहा जिन्होंने दलित कार्यकर्ताओं के ऊपर जमकर लाठियां बरसाई। जबकि भारत बंद बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत पूरे देश भर में हुआ था। लेकिन कहीं से कोई हिंसा की खबर नहीं आई और ना ही किसी प्रकार के कोई हताहत करने वाली समाचार मिला। जो इस आंदोलन की सफलता का प्रतीक है। बिहार को छोड़ दे तो पूरे देश भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहा।
बिहार में भारत बंद का नेतृत्व दलित समुदायों के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ता कर रहे थे। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हम लोग शांति से अपना प्रदर्शन कर रहे थे। हमारी लड़ाई बिहार सरकार से तो है ही नहीं। हम लोग सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विरोध में अपनी बात रखने आए हैं जिसके जरिए सरकार बड़ी चतुराई से हमारे हक और अधिकार को छीनने का प्रयास कर रही है। लेकिन इसके बावजूद बिहार पुलिस हम लोगों के ऊपर जमकर लाठियां बरसा रही है और हमें अपने आवाज उठाने से रोक रही है।
सूद समेत वापस करेंगे : चंद्रशेखर आजाद
भारत बंद के दौरान बिहार में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं और अन्य दलित समुदायों पर हुए लाठी चार्ज पर भीम आर्मी के चीफ व नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा बयान दिया। बिहार पुलिस के द्वारा किए गए इस कार्यवाही पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर आजाद ने बिहार सरकार को चेतावनी दे डाली। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि – सरकार हमारे शांतिपूर्वक संवैधानिक आंदोलन को रोक नही पा रही है तो अब हमारे बहुजन समाज को लाठी से पीट कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। मैं इस लाठीचार्ज की घोर निन्दा करता हूं। ना हम, ना हमारा समाज, सरकार की इस लाठी को भूलेगा नही, समय आने पर सूद समेत वोट की चोट से जवाब देगा।
चंद्रशेखर ने सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाया
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद तथा भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के रवैये पर भी सवाल किया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट पर भी दलित एकता को तोड़ने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले तथा सरकार के रवैया पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा कि –
आज का ये जनआंदोलन केन्द्र व राज्य सरकारों के लिये स्पष्ट सन्देश है कि अब बहुजन समाज ‘फूट डालो राज करो’ की साजिश को कामयाब नहीं होने देगा।
एक तरफ SC-ST में क्रीमीलेयर खोजते हो दूसरी तरफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में हमारे जजों को गायब कर देते हों, NFS बताकर आरक्षित वर्ग की सीटें खाली छोड़ देते हो, एकल पद बताकर आरक्षण खत्म कर देते हो और अब हमें आपस में लड़ाने की साजिश भी करते हो।
कान खोलकर सुन लो आरक्षण और संविधान विरोधियों धन-धरती और राजपाट में संख्याबल के आधार पर जो हमारा हक बैठता है, अब वो देना ही होगा।
मैंने संसद में ललकारा था आज समाज सड़कों पर ललकार रहा है। बहुत हुआ, अब बहुजनों के अधिकारों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरह का हमला हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं राज्य सरकारों से भी कहना चाहता हूं कि आज बहुजन समाज अपने अधिकारों के लिये मजबूर होकर सड़कों पर आया है, तो राज्य सरकारें भी कानून व्यवस्था मजबूत कर, शांतिपूर्वक आंदोलन में मदद करें, कोई भी सरकार अगर हमारे साथ साजिश करेगी तो उसको भविष्य में अपनी कुर्सी गवानी पड़ेगी मेरे यह शब्द याद रखना।
जय भीम, जय भारत, जय मंडल, जय जोहर, जय संविधान।