BPSC 70th Exam : BPSC ने 70वीं सीसीई भर्ती के लिए विभिन्न विभागों से मांगी रिक्तियां! जाने कहां है कितने पद?

BPSC 70th Exam: BPSC sought vacancies from various departments for 70th CCE recruitment! Know where and how many posts are there?
BPSC 70th Exam: BPSC sought vacancies from various departments for 70th CCE recruitment! Know where and how many posts are there?

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 70वीं संयुक्त सिविल सेवा के लिए विभिन्न विभागों से कल रिक्तियां मांगी है। आयोग के तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक सिर्फ छह विभागों से लगभग 100 रिक्तियां प्राप्त हो सकी। हालांकि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि कई विभाग अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सभी विभागों से फाइनल रिपोर्ट आ जाने पर यह संख्या बढ़ भी सकती है।

अभी तक किन-किन विभागों से जानकारी मिली है?

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तरफ से मांगी गई रिक्तियों में अब तक बीएमपी कमांडेड के लिए 12, परिवहन विभाग से 5, ब्लॉक ऑफिसर के लिए 28, ब्लॉक ऑफिसर एससी व एसटी में 5 तथा गन्ना विभाग से 1 रिक्तियां प्राप्त हुई है। आपको बता दें कि BPSC की 69वीं संयुक्त सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट अभी तक नहीं आया है। आयोग के अनुसार BPSC की 69वीं संयुक्त सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का परिणाम 31 जुलाई तक आने की संभावना है। यदि जुलाई के अंतिम सप्ताह तक मुख्य परीक्षा का परिणाम आ जाता है, तो अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह के बीच इसका इंटरव्यू का प्रक्रिया चालू हो जाएगा।
हालांकि BPSC ने अपना नया कैलेंडर जारी कर दिया है। BPSC के कैलेंडर के मुताबिक BPSC 70 वीं संयुक्त सिविल सेवा की प्रीलिम्स परीक्षा 30 सितंबर को होनी है। जिसका परिणाम 5–7 नवंबर को घोषित कर दिया जाएगा। वहीं इसका मेंस परीक्षा (मुख्य परीक्षा) 3–7 जनवरी 2025 को लिया जाएगा। जबकि इंटरव्यू की प्रक्रिया 17–28 अगस्त 2025 में प्रस्तावित है। हालांकि यह तिथि फाइनल नहीं माना जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थिति में इसे आगे के लिए टाला भी जा सकता है।

फर्जीवाड़ा या धांधली रोकने के लिए BPSC अभ्यर्थियों का डेटाबेस तैयार करेगा

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) अपनी आगामी परीक्षाओं में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़ा और धांधली को रोकने के लिए तथा परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए आयोग अभ्यर्थियों का विशेष डाटाबेस तैयार करेगा। आयोग के मुताबिक परीक्षा में धांधली या फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बदलाव का खाका तैयार है। BPSC की आगामी परीक्षाओं में आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा।

किन-किन मानकों के आधार पर डेटा बेस तैयार किया गया?

आयोग के मुताबिक डाटाबेस तैयार करने के दौरान अभ्यर्थियों के साथ उनके पिता के नाम, अभ्यर्थियों के जन्म तिथि, आधार नंबर और जाति की श्रेणी को इसमें रखा जाएगा। किसी भी अभ्यर्थी का एक बार डाटाबेस तैयार होने के बाद दोबारा वह किसी परीक्षा के लिए फॉर्म भरेंगे तो उन्हें पहले इस डेटाबेस को खोलना होगा।
जब अभ्यर्थियों का डिटेल पंजीकृत हो जाएगा तो उसके बाद एक आईडी उपलब्ध होगी। जब भी कोई अभ्यर्थी आयोग के द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में शामिल होंगे तो सबसे पहले उसका डेटाबेस ही खुलेगा। इसके बाद वह आयोग की ओर से निकाली गई रिक्तियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। आयोग के मुताबिक पूर्व की परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का डेटा आयोग के पास पहले से ही उपलब्ध है। इसमें बदलाव करने पर अभ्यर्थी तुरंत पकड़ने आ जाएंगे।

BPSC TRE–3.0 में इस तकनीक को आजमा चुके हैं

आपको बता दें कि जिन नए अभ्यर्थियों का डेटाबेस बनेगा तो वह जब भी दोबारा आयोग की ओर से निकाली गई किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे, तो उसे तैयार किए गए डेटाबेस के जरिए ही आवेदन करना होगा। आयोग का दावा है कि इस विधि से फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने से पहले ही पकड़े जाएंगे। आयोग के मुताबिक बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के परीक्षा में इस तकनीक का उपयोग कर चुके हैं। तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में लगभग 60 से अधिक अभ्यर्थी आधार कार्ड में छेड़छाड़ और नाम बदलकर परीक्षा में शामिल हुए थे। आयोग का दावा है कि उन सभी फर्जी अभ्यर्थियों को इसी तकनीक का इस्तेमाल कर पकड़ा गया।

BPSC के अध्यक्ष ने क्या कहा?

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि – आयोग में सभी अभ्यर्थियों की यूनिक आईडी बनेगी। आयोग में पंजीकृत अभ्यर्थी जैसे ही किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे उसका डिटेल खुल जाएगा। इस आधार पर उन्हें सिर्फ रिक्तियों के लिए आवेदन करना होगा।

नई वैकेंसी के नोटिफिकेशन निकालने में बिहार सरकार देरी क्यों कर रही है?

आरक्षण के मुद्दे और रोस्टर क्लीयरेंस के कारण से बिहार सरकार किसी भी प्रकार के एग्जाम में आगे बढ़ने से पहले यह सुनिश्चित करना चाह रही है कि हाल ही में जो आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई उसका लाभ संबंधित लोगों को प्राप्त हो, जिसके लिए वह चाहती है कि वह बढ़े हुए आरक्षण की सीमा के साथ नोटिफिकेशन निकले। उधर कुछ दिन पहले ही पटना हाई कोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण की सीमा (65% की आरक्षण) पर रोक लगा दिया है , तो सरकार ने उसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है, जिसकी सुनवाई 29 जुलाई, 2024 को (सोमवार) को है। सरकार यहां से कुछ निर्णय मिलने के बाद ही तमाम प्रकार के नई वैकेंसी के नोटिफिकेशन निकालने की निर्णय लेगी।

Source: – Social Media

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