अनुसूचित जाति के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
संसद चंद्रशेखर आजाद के साथ-साथ कई ऐसे सामाजिक न्याय के पक्षधर व्यक्तियों ने इस बात पर जोर दिया कि – यदि हमारे न्यायपालिका को लगता है कि दलित समुदाय में किसी एक जाति के हक को कोई दूसरा खा रहा है तो इसकी शुरुआत अदालत अपने यहां से ही करे। अदालत को यह आंकड़ा जारी करना चाहिए कि आज तक सर्वोच्च न्यायालय में कितने जज एससी, एसटी या ओबीसी से है। वहीं कई लोग इस बेंच में शामिल जजों की मंशा पर भी सवाल खड़ा कर दिया और सवाल करने लगे कि – सबसे पहले यह पता चलना चाहिए कि इस बेंच में शामिल जजों में कौन-कौन किस पृष्ठभूमि से आते हैं?