आज भी एक IPS को अपनी बारात निकालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ती है, तो फिर कैसे क्रीमी लेयर की बात कर सकते हैं – चिराग पासवान

Even today an IPS has to call the police to take out his marriage procession, then how can we talk about creamy layer – Chirag Paswan

अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के ऊपर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पहले भी दलित समुदायों ने आपत्ति जताई थी, जिस समय यह फैसला आया था। दलित समुदायों तथा बहुजन संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट … Read more

दलित समाज में वही जातियां आगे बढ़ा जिन्होंने डॉ. अम्बेडकर को अपना आदर्श माना : चंद्रभान

In Dalit society, only those castes progressed who considered Dr. Ambedkar as their ideal: Chandrabhan

बीते दिन 21 अगस्त को देशभर में दलित समुदायों तथा बहुजन संगठनों ने भारत बंद बुलाया गया था। दलित कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम अपनी आवाज सरकार को सुनना चाहते हैं। सरकार जो न्यायपालिका के माध्यम से हमारे हकों को छीनने का काम कर रही है, वह ना काबिले बर्दाश्त है। उन्होंने आगे कहा … Read more

आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है। एससी-एसटी के आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले तेजस्वी यादव

Reservation is not a poverty alleviation scheme. Tejashwi Yadav spoke on the Supreme Court's decision regarding the classification of SC-ST reservations

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा वर्तमान में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि – “आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत और गैर बराबरी दूर करने के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान दिया था। इसमें आर्थिक आधार या क्रीमी लेयर की बातें कहां से आ गई? उन्होंने अदालत के फैसले पर सवाल करते हुए कहा कि – यदि कोई दलित समुदाय के लोग किसी बड़े पद पर नौकरी हासिल कर लेते हैं, तो क्या इससे उनका जातिगत पहचान दूर हो जाता है? उन्होंने कहा कि ऐसे सैकड़ो उदाहरण है कि बड़े बड़े पद पर आसीन पदाधिकारियों के साथ जातिगत भेदभाव होता है जो दलित समुदाय से आते हैं।

You cannot copy content of this page