रेप केस नैरेटिव : जाति और राजनीति

भारत में हर रेप केस का मुद्दा उठना जाति और राजनीति से निर्धारित होता है।

तो मेरा सवाल है कि यदि निर्भया की माँ रेप केस पर ईमानदार होती तो वह भारत के अन्य भागों एवं कालों (समयों) में हुए तमाम रेप केस पर भी लगातार बयान देती रहती। खासकर बहु चर्चित केस हाथरस रेप कांड और कठुआ रेप कांड और उसके बाद सबसे व्यापक पैमाने पर हुए महिला उत्पीड़न मणिपुर में, जहाँ के कुकृत्य से न केवल पूरा देश शर्मसार हुआ था, बल्कि पूरी मानवता शर्मसार हुई थी; लेकिन इन सबों पर यदि निर्भया की मां चुप थी और यदि सिर्फ वह कोलकाता में हुए रेप कांड पर बयान दे रहे हैं तो इस बात का क्यों नहीं अनुमान लगाया जाए कि वह या तो भाजपा से जुड़ें है या तो वह जातिवादी मानसिकता से ग्रसित महिला हैं

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